लाख कोशिशें कर लीं मगर, ये दिल जगाए नहीं जगता है। सदियों से सोया है जिस बिस्तर पर, उससे कतई छोड़ते नहीं बनता है। सुंदर सपना देख रहा है कोई, चेहरे पर मुस्कान गज़ब की आयी है। बंद आंखों से मानो बोल रहा हो, "यादों की इस चादर में, ऐ मालिक, नींद बड़ी सुहानी आयी है।" कुछ चुटकुले हैं, जिन पर वो हँसना चाहता है। कुछ आँसू रह गए, जिनहें वो पोछना चाहता है। और आज जब आखिरकार चला हूँ इसको जगाने, तो कुछ पल हैं जिनको दिल वापिस जीना चाहता है। खैर, अब उन कहानियों से भारी शामें ढल चूकीं, नई सुबह के सूरज में उठ खड़े हो जाना पड़ेगा। बिस्तर छोड़ वक़्त की गाड़ी पकड़ने, क्योंकि यादों का क्या है? आज नहीं तो कल एक नई चादर को खुद ही बुन जाना पड़ेगा। --- HARSHIT MEHROTRA
"Biglychain" means huge chain where the term bigly is defined as an adverb meaning "in a big manner" or, "in a swelling blustering manner". This blog is about creativity, motivation and knowledge where we share our ideas and perception in various fields through our pictures and writings in both Hindi and English language. Biglychain is always open to new ideas as we believe in imagination without limitation!