क्यों बेखवार है मेरा जहा तेरे बिना
क्यों फीका है ये लाल रंग तेरे बिना
क्यों इबादतो मे भी तेरा नाम है
कुछ तोह बता इस एहसास के बारे मे
क्यों हर जगह दीखता तू ही तू है
क्यों मेरे हर बेरुखी की वजह तू है
क्यों मेरे दुआ मे बसा तू ही तू है
कुछ तोह बता इस एहसास के बारे मे
इन बेहति हवा मे सौंधी सी खुशबु जैसे
क्यों इस तरह लिपटा मुझे से तू है
क्यों मेरे ही खयालो का सरताज बना तू है
क्यों घड़ी घड़ी हर एक पल तूझे खोने से डरता हूँ मैं
क्यों तेरे ही बारे मैं सोच के रोने से डरता हूँ मैं
अब कुछ तोह बता इस एहसास के बारे मे
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