ना सितारों से सजी रात थी
ना ही था लोगो का कारवाँ
क्या सहूलियत से आज एक जिस्म हो रहा था रवा
जल रहा आज वो जो जलता था गलत बातों पे
अब बस दे के जा रहा अपना ख्याल सबकी यादो मे
रूबरू होगी आज अस्थि इसकी इस ठन्डे ठन्डे पानी में
ख़तम हुआ जिसका सफर इस बेख़ौफ़ जवानी में
नम आज सबकी पलके थी
आज हवाओं मे नमि थोड़ी हलकी थी
बिना डरे जिसने बिताई अपनी जवानी थी
हाँ ये वही वीर है जिसने अपने मिटटी के लिए ख़त्म की अपनी ज़िन्दगानी थी
ना सितारों से सजी रात थी
ना ही था लोगो का कारवाँ
क्या सहूलियत से आज एक जिस्म हो रहा था रवा
----- सूरज पांडेय (sur@j p@ndey)
mastt😍
ReplyDeleteThnk u billu plz share nd do mention it's for indian army
Delete😍awesome!
ReplyDeleteNot more then yours bro ❤
DeleteNot at all..bhaiya
DeleteOne of the best by you.
ReplyDeleteNailed it. 🔥
😘😘 thnk u teddy ❤
DeletePleasures all mine ❣️
DeleteAwesome 🔥🔥
ReplyDeleteThnk u didi ❤😊
DeleteBest ❤️
ReplyDeleteThnks bhai 😊✌
DeleteLoved it !! 😋
ReplyDeleteThnks surbhi
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