तब रोक ना पाया मैं आँसू
जिस रात मे बिजली कड़की थी
उस रात को मेरे दिल की चिंगारी शोला बन के भड़की थी
रोकू खुद को कैसे मैं
जब तूफ़ान मेरा साथी है
अब प्यार से कोई मोह नही
जब हम खुद स्वाभिमान के मुलाज़िम है
लहरो से मैं डरता था
अब सैलाब मेरा यार है
बदला नही हु मैं बस बदल दिया विचार है
बस एक बात बता दू खुद को मैं
मेरे अश्को में छुपे कई अलफ़ाज़ है
क्यों रोक ना पाया मैं आँसू
इसके पीछे भी एक राज़ है
---- सूरज पांडेय (sur@j p@ndey)
nice
ReplyDeleteThnk u
Deletesuperb😀
ReplyDeleteThnk u
DeleteWell done
ReplyDeleteThnk u bhaiya 😊😊❤
DeleteWaah!!
ReplyDeleteThnk u pandey 😝
DeleteMast
ReplyDeleteThnk u raja ❤❤
DeleteKya khub likha h....👌👌👌
ReplyDeleteShukriya bhaiya 😊
DeleteBahut Sahi h Bhai ❤️
ReplyDeleteThnk u bhai 😊 bus duaa hai tumlog ka
DeleteChaa gya ladke, 😍 itna mast likha h💕
ReplyDeleteDuniya walon k hisab se mai halka hu
DeleteHaawa sa tez mai chalta hu
jab chaa jau baadalon k tarah mai kahi tab log kehte mai is baadal se jalta hu 😝 jst bcoz tumne likha mai chaa gaya so ek chota sa rply 😝 thnks teddy ❤😘
Waah 😂😘 sahi jaa rahe ho..
DeleteThis was amazing❤️
ReplyDeleteThnk u 😘
DeleteNice one bhai keep it up
ReplyDeleteArey bhaiya bus aaplog ka aashirvaad hai 😊
DeleteMast.. ❣️
ReplyDeleteThnks bro
DeleteBhaii bhaii😍
ReplyDeleteThnk u krishna
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