मिलने की इच्छा रख
मिल ना पाऊं
कोई गम नहीं
दूर हो जाऊं तुमसे
तुम्हें देख भी ना पाऊं
विरहा की अग्नि में स्वाहा हो जाऊं
खुद का पता पूछूँ
खुद को भूल जाऊं
लम्हा एक भी...
बिन तुम्हारे जी ना पाऊं
इसका एहसास तुम्हें करा भी न पाऊं
महसूस करूं...
तुमसे कह भी ना पाऊं
तुम्हें न पाने का...
कभी सोच भी ना पाऊं
जज्बात मेरे यूं...
छुपा भी न पाऊं
इससे बड़ा कोई गम नहीं
तुम्हें समझा भी न पाऊं।।
मिल ना पाऊं
कोई गम नहीं
दूर हो जाऊं तुमसे
तुम्हें देख भी ना पाऊं
विरहा की अग्नि में स्वाहा हो जाऊं
खुद का पता पूछूँ
खुद को भूल जाऊं
लम्हा एक भी...
बिन तुम्हारे जी ना पाऊं
इसका एहसास तुम्हें करा भी न पाऊं
महसूस करूं...
तुमसे कह भी ना पाऊं
तुम्हें न पाने का...
कभी सोच भी ना पाऊं
जज्बात मेरे यूं...
छुपा भी न पाऊं
इससे बड़ा कोई गम नहीं
तुम्हें समझा भी न पाऊं।।
- NIDHI BANSAL
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