उन बूंदों से पूछो मेरे हाल
जिन्होंने आज मुझे छुआ है
मुझे गले लगा के बिखर गया वो आज
और आप फिर भी पूछते हो मुझे क्या हुआ है ?
सर्दियों मे ठण्ड जो लगी
उसका असर मुझ पे आज हुआ है
खामोश से होगये है मेरे अलफ़ाज़
और आप फिर भी पूछते हो मुझे क्या हुआ है?
मासूमियत का हुआ आज अंत
लगता है जैसे फिर से मेरा जनम हुआ है
भीड़ में रहना अब मुझे नही हैं पसंद
और आप फिर भी पूछते हो मुझे क्या हुआ है ?
हर्फ़ है अधूरे मेरे
कुछ तो मुझे हुआ है
ज़िन्दगी में खोया हैं बहुत कुछ ..
और आप फिर भी पूछते हो मुझे क्या हुआ है ............
---- सूरज पांडेय
waahhh😍😍
ReplyDelete😊😊😎
DeleteBeautifully written ❤️🌠🤗
ReplyDeleteThnk u babu 😘
DeleteKHAMOSH HO GYE ALFAAZ.......awsmm one
ReplyDeleteThnk u kreet bhaiya 😍
Deletenice 😊
ReplyDeleteThnk u puja 😍😋
DeleteNice one😊
ReplyDeleteThnk u alka 😍
ReplyDeleteBhut Gazab Pandey ji
ReplyDeleteArey bhai sharminda karogai ab aap log 😊😋
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ReplyDeleteDil khush kar diya bro😋😎
ReplyDeleteThnks bro
DeleteMast mast mast 💖💖💖
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DeleteThnk u 😘😘 Teddy
DeleteNyc bro gajab likha hai
ReplyDeleteThnk u mehtab bhai 😍😘
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