हम भी यहीं हैं,
वो भी यहीं हैं,
सब कुछ सही है,
फिर भी कुछ कमी है।
हम हंस भी रहे हैं,
हम रो भी रहे हैं।
साथ चल तो रहे हैं,
पर कुछ कह नहीं रहे हैं।
घर तो खुशियों से भरी है,
फिर आंखों में क्यों नमी है।
लगता तो सब कुछ सही है,
लेकिन...
लेकिन फिर भी कुछ कमी हैं।
जाने किसकी याद सता रही है,
ना जाने यह नैना किन्हें पुकार रही है।
वो अनकहे ख़्वाब क्यों वापस चले आते हैं।
ना चाहते हुए भी मुझे अक्सर वही बातें बतलाते हैं।
हां...
देखा जाए तो सब कुछ सही है,
लेकिन..
लेकिन मेरे सपने अब मेरे साथ नहीं हैं।
- Swati Singh
वो भी यहीं हैं,
सब कुछ सही है,
फिर भी कुछ कमी है।
हम हंस भी रहे हैं,
हम रो भी रहे हैं।
साथ चल तो रहे हैं,
पर कुछ कह नहीं रहे हैं।
घर तो खुशियों से भरी है,
फिर आंखों में क्यों नमी है।
लगता तो सब कुछ सही है,
लेकिन...
लेकिन फिर भी कुछ कमी हैं।
जाने किसकी याद सता रही है,
ना जाने यह नैना किन्हें पुकार रही है।
वो अनकहे ख़्वाब क्यों वापस चले आते हैं।
ना चाहते हुए भी मुझे अक्सर वही बातें बतलाते हैं।
हां...
देखा जाए तो सब कुछ सही है,
लेकिन..
लेकिन मेरे सपने अब मेरे साथ नहीं हैं।
- Swati Singh
Awesome yaar
ReplyDeleteThanks 😁
DeleteNice one
ReplyDeleteThank you...:)
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